भारत-चीन सीमा विवाद के बीच अब चीनी वीजा एप्लीकेशन की सख्ती से जांच होगी

भारत ने एक चीनी नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े लोगों के वीजा आवेदनों की सख्ती से जांच करने के आदेश जारी किए हैं। यह ऑर्गेनाइजेशन चीन की रूलिंग कम्युनिस्ट पार्टी के सीनियर अधिकारी की अध्यक्षता में चलाया जाता है। मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इसे बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए चिंता का विषय बताया गया है। चाइनीज एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग (सीएआईएफयू) की निगरानी का फैसला ऐसे समय किया गया है, जब दोनों देश पिछले 50 साल में सबसे गहरे सीमा विवाद में घिरे हुए हैं।

भारत के राष्ट्रीय हितों को खतरा
न्यूज एजेंसी रायटर्स के हवाले से भारतीय अधिकारियों ने बताया कि इस बीजिंग बेस्ड ऑर्गेनाइजेशन का संबंध कम्युनिस्ट पार्टी सेंट्रल कमिटी के यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट से है, जो चीन के बाहर नेताओं, थिंक टैंक मेंबर्स और मीडिया को प्रभावित करने का काम करते हैं।

मामले से जुड़े दो अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार के इंटरनल मेमो में इस ऑर्गेनाइजेशन को चिंता का विषय बताया गया है। साथ इसके भी संकेत दिए गए हैं कि इनकी गतिविधि भारत के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ हो सकती हैं।

अपना नाम न बताने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया, सख्त निगरानी का मतलब यह है कि इस बॉडी के प्रतिनिधि या इसके समर्थित ग्रुप को वीजा जारी होने से पहले स्क्रूटनी क्लीयरेंस से गुजरना होगा। उन्होंने बताया कि वीजा अनुरोधों की बारीकी से जांच की जाएगी, चाहे वह थिंक टैंकर्स हों या बिजनेसमैन।

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