सांसद से डायरेक्ट सीएम बनने वाले नायब सिंह सैनी के खिलाफ याचिका

चंडीगढ़: हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। उनकी सीएम पद पर नियुक्ति को चुनौती देते हुए वकील जगमोहन भट्टी ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। वकील जगमोहन भट्टी ने अपनी याचिका में कहा है कि सीएम की शपथ लेने के बावजूद नायब सिंह सैनी ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया। वह विधानसभा के सदस्य भी नहीं है इसलिए सीएम पद पर उनकी नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 164, उप अनुच्छेद 40 के खिलाफ है। उनकी इस याचिका से एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कोई सांसद बिना इस्तीफा दिए राज्य सरकार में सीएम या मंत्री बन सकता है। भारतीय राजनीति में सांसदों के बिना इस्तीफा दिए सीएम बनने का लंबा इतिहास रहा है। 1999 में ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री गिरिधर गोमांग ने 12वीं लोकसभा में अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से लाए गए विश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट भी डाला था। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार एक वोट से गिर गई थी।

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