नाटो का मेंबर बना फिनलैंड, अब क्या करेंगे पुतिन?

ब्रसेल्स: फिनलैंड मगंलवार को दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा गठबंधन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल हो गया। इसे रूस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के समय से ही इस ऐतिहासिक घटनाक्रम की आहट सुनाई दे रही थी। दस्तावेजों को सौंपने के साथ ही यह नॉर्डिक राष्ट्र आधिकारिक तौर पर दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा गठबंधन का सदस्य बन गया। ऐसे में अब नाटो के सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है। फिनलैंड की सदस्यता का औपचारिक दस्तावेज खुद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सौंपा।

रूस ने चेतावनी दी कि फिनलैंड की नाटो की सदस्यता से उत्पन्न सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए उसे “प्रतिशोधी उपाय” करने के लिए विवश होना पड़ेगा। मॉस्को ने यह भी कहा है कि अगर नाटो अपने 31वें सदस्य राष्ट्र के क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक या उपकरण तैनात करेगा, तो वह फिनलैंड की सीमा के पास अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा। फिनलैंड की सदस्यता तब आधिकारिक हो गई, जब इसके विदेश मंत्री ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को प्रक्रिया को पूरा करने वाले दस्तावेज़ सौंपे।नाटो की सदस्यता से संबंधित दस्तावेज अमेरिकी विदेश विभाग के पास रहते हैं।

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