बदल रही है बस्तर की तस्वीर, जानें CM Bhupesh Baghel के दावों में है कितनी सच्चाई

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर की पहचान नक्सल समस्या बन चुकी है। मगर अब हालात धीरे-धीरे बदल रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दावा है कि बस्तर में शांति और विकास की बयार बह रही है। बघेल ने बस्तर के कई इलाकों का दौरा करते हुए कहा कि पुलिस के जवान ग्रामीणों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। बीते साल में बस्तर में सबसे कम हिंसा की घटनाएं हुई हैं, इसके लिए पुलिस के अधिकारियों और जवानों और बस्तरवासियों को बधाई। आज बस्तर की संस्कृति की चर्चा देश और दुनिया में फिर से हो रही है। मुख्यमंत्री बघेल ने बस्तर में अनेक विकास कार्यों की सौगात दी और कहा कि पहले बस्तर में लोग महुआ सड़कों पर फेंकने के लिए बाध्य हो रहे थे।

सीएम ने कहा- हमने लॉकडाउन के दौरान 30 रुपए किलो में महुआ और 31 रुपए किलो में इमली की खरीदी की। बस्तर में 65 प्रकार की लघु वन उपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। तेंदूपत्ता का 4000 रुपए प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक दिया जा रहा है।

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