अब म्यूचुअल फंड प्लेटफार्म भी वसूलेंगे ट्रांजेक्शन फीस

ऑनलाइन म्यूचुअल फंड (एमएफ) इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म जल्द ग्राहकों या फंड हाउसेस से ट्रांजेक्शन फी वसूलना शुरू करेंगे। मार्केट रेगुलेटर SEBI ने इसकी अनुमति दे दी है। ग्रो, जीरोधा कॉइन और पेटीएम मनी जैसे ऑनलाइन म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म फिलहाल सीधे एमएफ स्कीम्स में मुफ्त निवेश की सुविधा देते हैं। म्यूचुअल फंड्स की बिक्री से इन्हें कोई आय नहीं होती है।

सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा, ‘इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म कुछ राशि शुल्क के तौर पर वसूल सकते हैं। लेकिन कमीशन जैसे स्ट्रक्चर की अनुमति नहीं दी जाएगी।’ सेबी ने इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म्स के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का ऐलान भी किया है। ये न सिर्फ निवेशकों के लिए उपयुक्त सुरक्षा तंत्र होगा, बल्कि ऐसे प्लेटफॉर्म्स का संचालन भी आसान बनाएगा। ये प्लेटफॉर्म लेनदेन पर कितना और किससे शुल्क वसूलेंगे, इसका ब्योरा बाद में सामने आएगा।

सेबी का रेगुलेटरी फ्रेमवर्क

  • ईओपी: म्यूचुअल फंड (एमएफ) इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म को एक्जीक्यूशन ओनली प्लेटफॉर्म (ईओपी) के रूप में खुद को रजिस्टर कराना होगा। अभी ये या तो निवेश सलाहकार (आईए) या स्टॉक ब्रोकर के रूप में काम करते हैं।
  • रजिस्ट्रेशन: ऐसे प्लेटफॉर्म्स के पास दो विकल्प होंगे। ये एम्फी के साथ रजिस्ट्रेशन करवाकर एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के एजेंट बन सकते हैं। इसके अलावा बतौर स्टॉक ब्रोकर रजिस्ट्रेशन कराकर निवेशकों के एजेंट भी बन सकते हैं।

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