ईरान में 5 लोगों को मौत का फरमान

13 सितंबर को 22 साल की महसा अमिनी अपने परिवार से मिलने तेहरान आई थी। उसने हिजाब नहीं पहना था। पुलिस ने तुरंत महसा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के 3 दिन बाद, यानी 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इसके बाद मामला सुर्खियों में आया।

सरकार की मॉरल पुलिसिंग के खिलाफ युवाओं ने गरशाद नाम का मोबाइल ऐप बना लिया है। इस ऐप को अब तक करीब 20 लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं। युवा इसके जरिए सीक्रेट मैसेज चला रहे हैं। इसे देखते हुए तेहरान में मोबाइल इंटरनेट बंद है। हालांकि सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद सरकार विरोधी प्रदर्शन कम नहीं हो रहे हैं।

ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमिनी गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही कोमा में चली गई थी। उसे अस्पताल ले जाया गया। परिवार का कहना है कि महसा को कोई बीमारी नहीं थी। उसकी हेल्थ बिल्कुल ठीक थी। हालांकि उसकी मौत सस्पीशियस (संदिग्ध) बताई जा रही है। रिपोर्ट्स में कहा गया- महसा के पुलिस स्टेशन पहुंचने और अस्पताल जाने के बीच क्या हुआ यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। ईरान में हो रहे ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन पर नजर रखने वाले चैनल ने कहा कि अमिनी की मौत सिर पर चोट लगने से हुई।

लॉ डिपार्टमेंट के स्पोक्स पर्सन मसूद सेतयाशी ने पांच लोगों को सजा-ए-मौत और 11 लोगों को कैद की सजा सुनाए जाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा- सैनिक की मौत का केस 11 लोगों पर शुरू किया गया था। इसके बाद चार और लोगों के नाम केस में जोड़े गए। सरकारी वेबसाइट ने सजा की पुष्टि की, लेकिन यह नहीं बताया कि किस दोषी को कितनी सजा सुनाई गई है।

जिस दिन यह घटना हुई, उस महसा अमिनी की मौत के 40 दिन हुए थे। स्थानीय परंपरा के मुताबिक, यह शोक का दिन होता है। इसी दिन बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसी दिन हादिस नजाफी और सैनिक की मौत भी हुई थी। सैनिक की हत्या के आरोप में ही इन लोगों को दोषी ठहराया गया और अब सजा का ऐलान किया गया है।

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