ITBP के जवान मार्शल आर्ट सीख रहे, गलवान में ड्रैगन ने इन्हीं हथियारों से किया था हमला
चीन बॉर्डर पर तैनात ITBP के जवानों को अब बिना हथियार के लड़ने की ट्रेनिंग दी जा रही है। 44 हफ्ते तक चलने वाली इस ट्रेनिंग अभियान में सैनिकों को 15 स्टेप्स सिखाए जाएंगे। इससे प्रशिक्षित जवान बर्फीले तूफान, हिमस्खलन और ऑक्सीजन की कमी जैसी परिस्थितियों का भी सामना कर सकते हैं।
90 दिन से ज्यादा एक बॉर्डर पर तैनाती नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक सैनिकों को ट्रेनिंग के दौरान जूडो, कराटे, क्राव मागा और जापानी मार्शल आर्ट सिखाए जाएंगे। इसका मकसद चाकू या डंडे से लैस चीनी सैनिकों का मुकाबला करना है। वहीं ट्रेनिंग के बाद जवान को बॉर्डर के एक पोस्ट पर सिर्फ 90 दिन के लिए ही तैनात करने की प्लानिंग है।
ITBP ने बनाई थी अन-आर्म्ड कॉम्बैट स्ट्रैटजी
गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद 2021 में ITBP के तत्कालीन महानिदेशक संजय अरोड़ा ने अन-आर्म्ड कॉम्बैट स्ट्रैटजी बनाने का निर्देश दिया था। दरअसल, समझौते के तहत चीन सीमा पर फायर आर्म्स का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसलिए वहां सैनिक लाठी-डंडे लेकर ही मॉनिटरिंग करते हैं।