यूक्रेन के बाद रूस की फिनलैंड और स्वीडन को धमकी:
यूक्रेन के बाद अब रूस ने फिनलैंड और स्वीडन को धमकी दी है। यह धमकी NATO में शामिल होने को लेकर दी गई है। इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने NATO से ओपन-डोर पॉलिसी पर जोर देने की मांग की है।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा- फिनलैंड और स्वीडन को अन्य देशों की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाकर अपनी सुरक्षा का आधार नहीं बनाना चाहिए। इन देशों को NATO में शामिल होने पर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसके अलावा सैन्य और राजनीतिक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
फिनलैंड की PM के बयान के बाद रूस ने दी धमकी
NATO का उद्देश्य राजनीतिक और सैन्य माध्यमों से अपने सदस्यों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की गारंटी देना है। फिनलैंड की प्रधानमंत्री साना मारिन ने देश की संसद में कहा, ‘अगर राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बढ़ा तो फिनलैंड NATO की सदस्यता के लिए काम करेगा।’
क्यों डर रहा रूस
दरअसल, रूस की व्यापारिक राजधानी और अरबपतियों का शहर सेंट पीटर्सबर्ग फिनलैंड की सीमा से सटा हुआ है। अगर फिनलैंड NATO का सदस्य बनता है तो रूस के उत्तरी मोर्चे पर भी NATO पहुंच जाएगा और भविष्य में तनाव बढ़ सकता है। यही वजह है कि रूस ने न केवल फिनलैंड को बल्कि स्वीडन को भी सैन्य कार्रवाई की धमकी दी है।
रूस की हरकत के बाद फिनलैंड में नए स्तर पर चर्चा
फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन ने कहा कि रूस ने अब तक हमारे देश पर किसी तरह का कोई पॉलिटिकल या मिलिट्री एक्शन नहीं लिया है। लेकिन यूक्रेन पर हमले के बाद फिनलैंड में NATO की सदस्यता का मुद्दे पर नए तरीके से विचार शुरू हो सकता है।