सिद्धू ने कैप्टन को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखवा कर अपने लिए मुश्किल खड़ी की?
पंजाब की पॉलिटिक्स में कैप्टन जब तक कांग्रेस में थे, सिद्धू के लिए बीजेपी में वापसी का विकल्प खुला हुआ था। अकाली दल का बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस में मनमुटाव की खबरों के बीच कई बार यह चर्चा सुनने को मिली भी कि सिद्धू बीजेपी में वापस जा सकते हैं लेकिन सिद्धू ने कैप्टन को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखवा कर अपने विकल्प सीमित कर लिए हैं। कैप्टन जब तक बीजेपी के साथ हैं, सिद्धू के लिए बीजेपी के दरवाजे बंद हैं। आम आदमी पार्टी में सिद्धू के लिए कोई गुंजाईश इसलिए नहीं बन रही कि अरविंद केजरीवाल को मालूम है सिद्धू को संभाल पाना कितना मुश्किल काम है। नई पार्टी बनाकर उसे चला पाना, आसान नहीं यह बात खुद सिद्धू भी जानते हैं। इसी के मद्देनजर कहा जा रहा है कि सिद्धू के लिए कांग्रेस में बने रहना मजबूरी है। अगर ऐसी मजबूरी नहीं होती तो वह अब तक कोई बड़ा निर्णय ले चुके होते। इसीलिए जब तक उनके पास कोई विकल्प नहीं होता है वह कांग्रेस में ही रहेंगे। उधर कैप्टन को लेकर भी कहा जा रहा है कि बीजेपी के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने पर उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं आते हैं तो कैप्टन के लिए निर्णय करना बहुत मुश्किल होगा। बीजेपी का साथ उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए ही लिया। केंद्रीय राजनीति में वह अपनी पत्नी को देखना चाहते हैं। कैप्टन के जाने के बाद राज्य में कांग्रेस ने जिस तरह से अपनी नई लीडरशिप को आगे किया है, उसमें उनकी कांग्रेस में वापसी की संभावनाएं खत्म हो चुकी हैं। अकाली दल के साथ भी वह नहीं जा सकते। अस्सी की उम्र में पहुंच चुके कैप्टन के लिए नई पार्टी चलाना आसान नहीं है।