अमेरिका का आरोप- रूस की वजह से शांति खतरे में
यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में यूक्रेन मुद्दे पर हुई वोटिंग के दौरान दोनों देश के डिप्लोमैट्स आपस में भिड़ गए। अमेरिका की तरफ से आरोप लगाया कि रूस यूक्रेन बॉर्डर पर सैनिकों की भीड़ इकट्ठा कर क्षेत्र की शांति को खतरे में डाल रहा है। वहीं रूसी डिप्लोमैट ने पलटवार करते हुए अमेरिका पर झूठा डर फैलाने का आरोप लगाया।
इन सब आरोप प्रत्यारोप के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस को धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी। बाइडेन ने कहा- अगर रूस बातचीत के जरिए हमारी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार होता है तभी अमेरिका और उसके सहयोगी देश इस तरफ आगे बढेंगे। इसके बजाए रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
भारत ने वोटिंग से बनाई दूरी
भारत ने इस वोटिंग में भाग न लेकर बीच का रास्ता अख्तियार किया। भारत के रूस और अमेरिका दोनों के साथ काफी अच्छे संबंध हैं, अगर वो किसी एक का पक्ष लेता इससे आपसी रिश्तों पर नकरात्मक असर पड़ता। भारत ने अपने हित देखते हुए इस मामले से दूर रहना ही पसंद किया।
UNSC की बैठक में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा- यूरोप में हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं वह खतरनाक है। यूक्रेन की सीमाओं पर रूस का सैन्य निर्माण में आक्रामक पैटर्न नजर आता है। अगर रूसियों ने यूक्रेन पर हमला किया, तो हम में से कोई भी यह नहीं कह पाएगा कि हम इसके बारे में पहले से नहीं जानते थे। वहीं, रूसी डिप्लोमैट वसीली नेबेंजिया ने अमेरिका को झगड़ा भड़काने वाला देश बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है युद्ध हो। जबकि रूस का यूक्रेन पर हमला करने की कोई योजना नहीं थी।