तालिबानी आतंक से अफगानिस्तान के बदतर हालात

वॉशिंगटन
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की विदाई के बाद से ही तालिबान का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। पिछले सात दिनों में तालिबान ने फैजाबाद और गजनी सहित अफगानिस्तान के 10 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा जमा लिया है। वहीं, अमेरिका अब अफगानिस्तान के बिगड़ते हालात से पल्ला झाड़ने की कोशिश में जुट गया है। अमेरिका का साफ कहना है कि यह अफगानिस्तान की अपनी लड़ाई है। इसमें अफगान नेताओं को एकजुट होकर तालिबान का सामना करना होगा।

अमेरिका की सोच से तेज चल रहा तालिबान
अमेरिकी सैन्य नेतृत्व जितना सोचा होगा उससे भी कहीं अधिक तेजी से अफगानिस्तान सरकार की सेना युद्धग्रस्त देश में तालिबान के सामने पस्त हो रही है। इसके बावजूद वाइट हाउस, पेंटागन या अमेरिकी जनता के बीच इसे रोकने का उत्साह कम ही नजर आ रहा है। यहां तक कहा जा रहा है कि अब शायद अफगानिस्तान में कुछ करने के लिए बहुत देर भी हो चुकी है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की पूर्ण वापसी की घोषणा किए जाने के बाद से युद्धग्रस्त देश में हर रोज हालात खराब होते जा रहे हैं।

सैनिकों की वापसी पर अडिग हैं बाइडन
बाइडन ने स्पष्ट कर दिया है कि पिछले वसंत में किए गए निर्णय को पलटने का उनका कोई इरादा नहीं है, जबकि इसके परिणाम तालिबान के कब्जे की ओर इशारा करते हैं। अफगानिस्तान से अधिकतर अमेरिकी सैनिक वापस लौट आए हैं और तालिबान ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है, लेकिन अमेरिका उसे रोकने की कोई कोशिश नहीं कर रहा है।

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