छत्तीसगढ़ के इस गांव में दशकों बाद पहुंची बिजली, एक साल पहले आई सड़क

बीजापुर
छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिलों की सीमा पर स्थित तर्रेम गांव में दशकों बाद एक बार फिर बिजली की रोशनी पहुंची है। कई नक्सल घटनाओं के गवाह रहे इस गांव में एक साल पहले सड़क आई और अब स्कूल के साथ स्वास्थ्य केंद्र भी बन रहा है। गांव में ये आधारभूत सुविधाएं पहुंचाने में सरकारी एजेंसियों को नक्सली हमलों का शिकार होना पड़ा, लेकिन उनकी मेहनत अब गांव में बिजली की रोशनी से नहाए घरों में दिख रही है।

ऐसा नहीं कि यह गांव हमेशा से ही इस हालत में था। बीजापुर के कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने बताया कि 1980 के दशक की शुरुआत में तर्रेम में बिजली और सड़क जैसी सुविधाएं मौजूद थीं। नक्सलवाद के जोर पकड़ने के साथ तर्रेम नक्सल-गतिविधियों का गढ़ बन गया। नक्सलियों ने सड़कें तोड़ दीं और बिजली के पोल उखाड़ दिए। रोशनी से जगमग रहने वाला तर्रेम नक्सलवाद के अंधेरे में डूब कर रह गया।

कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन ने जब दोबारा सड़कों का निर्माण शुरू किया तो नक्सली आग-बबूला हो गए। उन्होंने सरकारी एजेंसियों पर हमले किए, मशीनें लूट लीं और कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन इन एजेंसियों ने हार नहीं मानी।

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