इस यूरोपीय देश पर इतना गुस्साया क्यों है चीन?

पेइचिंग
चीन और बाल्टिक सागर के किनारे स्थित यूरोपीय देश लिथुआनिया में इस समय कूटनीतिक तनाव चरम पर है। लिथुआनिया की राजधानी विनियस में ताइवान का ऑफिस खुलने से नाराज चीन ने अपने राजदूत तक को वापस बुला लिया है। इतना ही नहीं, चीन ने लिथुआनिया के राजदूत को भी तुरंत पेइचिंग को छोड़ने का निर्देश दिया है। राजदूत को वापस बुलाना कूटनीतिक संबंधों को तोड़ने की आखिरी सीढ़ी मानी जाती है। ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव और भी ज्यादा बढ़ने के आसार हैं।

चीन ने संप्रभुता का उल्लंघन बताया
दुनिया के केवल 15 देश ही ताइवान को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता देते हैं। लिथुआनिया के अभी तक ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं। लेकिन दोनों ही देश तेजी से आपसी संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। लिथुआनिया ताइवान, शिनजियांग, हॉन्ग कॉन्ग में चीन की दमनकारी कार्रवाइयों का मुखर आलोचक रहा है। लिथुआनिया ने तो कुछ महीने पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के महत्वकांक्षी मिशन सीईईसी को छोड़ने का ऐलान किया था।

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